पलवल (मुकेश कुमार हसनपुर) 15 जुलाई :- सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप सिंह की अध्यक्षता मे जिला अस्पताल पलवल में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल सर्जन ने सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मलेरिया से बचने के लिए हमे मच्छर की उत्पत्ति को होने से रोकना है क्योकि अमूमन देखा जाता है कि घरो के आस-पास या फिर रास्ते मे छोटे-छोटे गड्ढïों मे पानी भर जाता है।
घरो मे बिना ढके हुए पानी जैसे हौदी, कूलर, फ्रिज मे बर्फ के पानी की ट्रे में पानी एकत्रित हो सकता है, जिसके कारण मच्छर उस ठहरे हुए एकत्रित पानी मे अंडे देते है। परिणाम स्वरूप मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से मलेरिया उन्मूलन की टीमो द्वारा ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई डलवाने के दिशा-निर्देश दिए है, जिससे मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लग सके।
सिविल सर्जन ने बताया कि जिला पलवल मे मलेरिया की जांच के लिए पिछले महीने तक 57 हजार 871 से ज्यादा बुखार के मरीजो की जांच की जा चुकी है, जिसमे 11 मलेरिया के मरीज पाए गए है। इन सभी 11 मरीजो के घर पर फोगिंग व फोकल स्प्रे करवा दिया गया है व एंटी मलेरिया एक्टिविटीज भी इसके साथ करवा दी गई है।
जिले मे मलेरिया विभाग की टीमो के द्वारा घरो मे लार्वा की जांच करवाई गई है। मच्छर का लार्वा पाया जाने पर 270 घरो मे चेतावनी सम्बन्धी नोटिस भी दिए जा चुके है। पलवल शहर के सभी 32 वार्ड मे नगर परिषद के साथ मिलकर फोगिंग करवाई गई है तथा कुछ कॉलोनियों में जहा पर मलेरिया व डेंगू के ज्यादा मामले आते है, उन सभी मे दोबारा से फोगिंग की एक्टिविटीज करवा दी गई है।
इसके साथ ही 248 तालाबों व जोहोड़ो में लार्वाभक्षी गाम्बुजिया मछली भी डलवा दी गई है। जो तालाब व नाले गंदे है उनकी सफाई के लिए नगर परिषद को सूचित कर दिया गया है। जिले मे डेंगू संभावित क्षेत्रो की सूची तैयार कर ली गई है, जिनमे स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा एंटी लार्वा संबंधित जरूरी गतिविधियां करवाई जा रही है।
जून के महीने को समस्त जिले मे एंटी मलेरिया माह के रूप मे मनाया गया, जिसमें सभी गांवो मे आशा व एम.पी.एच.डब्ल्यू (मेल) ने घर-घर जाकर मलेरिया रोधी एक्टिविटीज की और लोगो को मलेरिया व डेंगू के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा कोविड-19 के बारे मे भी लोगो को सामाजिक दूरी बनाए रखने व फेस मास्क लगाने के लिए भी आमजन को जागरूक किया गया।
उपसिविल सर्जन मलेरिया डा. राजीव बातिस ने बताया कि बायोलॉजिस्ट अर्बन पलवल की टीमो द्वारा शहर मे लार्वा चेक करने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है, जिसमे ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन सम्बन्धी सभी आवश्यक कार्यवाही करवाई जा रही है। डा. बातिश ने बताया कि वर्ष 2019 मे मलेरिया के 182 मामले तथा डेंगू के 45 मामले आए थे, जोकि वर्ष 2018 की तुलना मे 50 प्रतिशत कम थे। अब 2020 में डेंगू का अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी मामला नही आया है फिर भी जिला पलवल का स्वास्थ्य विभाग मलेरिया व डेंगू को लेकर पूरी तरह से सतर्कता के साथ अपने कार्य मे लगा हुआ है।
जिले मे सभी बुखार से पीडि़त मरीजो की जांच एम.पी.एच.डब्ल्यू.(मेल) व आशा के द्वारा मुफ्त में की जा रही है और जिले मे अब तक पी.वी. मलेरिया बुखार के 11 मरीज पाए गए ह,ै जिनमें एक महिला गर्भवती है जिसका तुरंत प्रभाव से 14 दिन का ईलाज किया जा रहा है। छ मरीज बिल्कुल ठीक हो चुके है, जिसका फॉलोअप किया जा चुका है। बाकी बचे 3 मलेरिया के मरीजो का ईलाज चल रहा है।
जिला मलेरिया कार्यालय पलवल मे मलेरिया व डेंगू की लार्वीसयिडल एक्टिविटीज के लिए दस डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर विभाग के द्वारा अलग से लगाए गए है जोकि एक जुलाई से घर-घर जाकर मच्छर पनपने वाले सोर्स को चेक कर रहे हैं और मच्छर की ब्रीडिंग पाए जाने पर टेमिफोस दवाई डालना या काला तेल डालने सम्बन्धी कार्य के साथ-साथ लोगों को मच्छरों से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। इसी के साथ जिले के सभी खंडो में मीटिंग भी की जा चुकी है, जिसमे मलेरिया व डेंगू की रोकथाम सम्बन्धी टारगेट्स पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दे दिए गए हैं।
आमजन को जागरूक करने के लिए सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों मे तेज ठण्ड के साथ बुखार आना, सिर दर्द होना व उल्टी का आना है। इसलिए लोग कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे जाकर मलेरिया की जांच करवाए और अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो उसका 14 दिन का ईलाज स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख मे करें।
मलेरिया का उपचार व बचाव
कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त रक्त की जांच करवाएं। मलेरिया होने पर तुरंत पूर्ण आमूल उपचार लें क्योकि आमूल उपचार न लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है जोकि बहुत घातक होती है। घरो में मच्छरनाशक दवाई का छिडकाव करवाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपडें पहने। घर के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गड्ढों को भर दिया जाए ताकि बरसात का पानी इनमें एकत्रित न होने पाए, जिसमे मच्छर पनपते है। पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां।