पलवल (मुकेश कुमार हसनपुर) 02 जुलाई :- एमवीएन विश्वविद्यालय में ई-लर्निंग इग्नाइटिंग माइंड्स कॉरपोरेट सीरीज को क्रम में आगे बढ़ाते हुए उच्चतम न्यायालय के वकील विनोद कुमार सेठी द्वारा महिलाओं के कानूनी अधिकार के बारे में आभासी सत्र का आयोजन किया गया जिसका श्रेय सीआरसी विभाग के प्रमुख गौरव सैनी को जाता है| विनोद कुमार ने कहा कि हमारे समाज में महिला अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक एक अहम किरदार निभाती है| अपनी सभी भूमिकाओं में निपुणता दर्शाने के बावजूद आज के आधुनिक युग में महिला पुरुष से पीछे खड़ी दिखाई देती है|
आज भी पुरुष प्रधान समाज में महिला की योग्यता को पुरुष से कम देखा जाता है, सरकार द्वारा जागरूकता फैलाने वाले कई कार्यक्रम चलाने के बावजूद महिला की जिंदगी और उसकी जिंदगी के मुकाबले काफी कठिन हो गई है| महिला को अपनी जिंदगी के ख्याल के साथ-साथ पूरे परिवार का भी ख्याल रखना पड़ता है | एक महिला बेटी बहन पत्नी मां सास दादी इत्यादि जैसे रिश्ते पूरी ईमानदारी से निभाती है|उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकार जमीन जायदाद में हक पिता की संपत्ति पर हक घरेलू हिंसा से सुरक्षा का हक समान वेतन का अधिकार मातृत्व संबंधित हक मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार काम पर हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार इत्यादि के बारे में अवगत कराया|
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जेवी देसाई ने इस सत्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि महिलाओं को उनके कानूनी अधिकार पता होना बेहद जरूरी है और कहां की है महिलाओं को इन से अवगत कराना हमारा कर्तव्य भी बनता है, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव रतन एवं अकादमिक समन्वयक देवेश भटनागर ने कहा कि इस प्रकार के सत्र हर विभाग के लिए कराए जाते रहेंगे क्योंकि यह सत्र विद्यार्थियों के साथ साथ हम सभी के लिए शिक्षाप्रद रहते हैं|
डॉ तरुण विरमानी ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई और विद्यार्थियों की रुचि के विभिन्न प्रश्न पूछे जिनका बहुत अच्छे तरीके से जवाब दिया गया, डॉ राहुल वार्ष्णेय और उनकी टीम के सदस्य सत्र में शामिल हुए और उन्होंने भी इसी विषय पर अपने विचार व्यक्त किएl