पलवल (मुकेश वशिष्ट हसनपुर) 16 जून :- सार्वजनिक सेवाओं को मजबुत कराने तथा राष्ट्रीय सम्पदा की लूट के विरोध सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी व अन्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करते हुए देवीलाल पार्क में इकठ्ठे होकर विरोध दिवस मनाया। पार्टी के जिला सचिव धर्मचन्द की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन रूपराम तेवतिया ने किया। कार्यक्रम में सर्व सम्मति से पारित प्रस्ताव में तेल कीमतों में की जा रही बढ़ोत्तरी को तुरंत वापिस लेने की मांग की गई।
विरोध सभा में बोलते हुए पार्टी के नेता धरम चन्द व श्रीपाल सिंह भाटी ने बताया कि देश में रोजी-रोटी के बढ़ रहे संकट ने गरीबों को भारी परेशानी में डाल दिया है।केन्द्र सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह से विफल साबित होने के बाद अब केवल ब्यान व सन्देश जारी कर रही है। दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था तबाह कर और जनता के विशाल बहुमत पर भारी मुसीबतों का बोझ डाल कर केन्द्र की भाजपा सरकार अपना एक वर्ष पूरा होने पर जश्न मना रही है। देश के गृहमंत्री “वर्चुअल”रैली के माध्यम से चुनाव प्रचार कर गरीबों के जख्मों पर नमक छिडकने का काम कर रहे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार को इस खतरे का सामना करने के लिए वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों तथा विपक्षी दलों से निरन्तर बातचीत करके कोई कदम उठाने चाहिए थे।लेकिन अहंकार व बड़बोलेपन की शिकार केन्द्र सरकार अव्यवहारिक फैसले लेती रही,जिसके दुष्परिणाम देश की जनता को झेलने पड रहे हैं।
कोरोना महामारी में लॉक डाउन के कारण देश को बहुत कुछ खोना पड़ा है। स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था के लिहाज से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दवाब बढ़ गया है। प्राईवेट अस्पतालों का रवैया जग जाहिर हो चुका है।सरकार ने केरल मॉडल से सबक लेकर नागरिकों को महामारी से बचाने की कोशिश करने की बजाय अपने हाथ खडे कर दिए हैं।
नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्कीम वर्कर के मानदेय में की गई बढ़ोत्तरी को राज्य सरकार द्वारा अभी तक लागू नहीं किया गया है। आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर की कोरोना महामारी में डयुटी लगी हुई है, उन्हें सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। कई-कई महीने से मानदेय नही दिया गया है।
कार्यक्रम में पार्टी नेता रघुबीर सिंह, बीधू सिंह, दरयाब सिंह, रमेश चन्द, उर्मिला रावत, कमला देवी, कृष्णा, रामरती चौहान, बबली, रेखा, सत्यवती, सरोज, किशन चन्द व राधा ने अपने विचार व्यक्त किए।
विरोध दिवस की मांगें।—-
1) आयकर के दायरे से बाहर सभी नागरिकों के बैंक खाते में अगले 6 माह तक 7500 रुपये भेजे जायें।
2) अगले 6 माह तक सभी गरीबों को निशुल्क 10 kg किलो अनाज दिया जाए।
3) बढी हुई मजदूरी के साथ मनरेगा के अन्तर्गत 200 दिन का काम दिया जाए।
4) सार्वजनिक सेवाओं को मजबूत किया जाए।
5) राष्ट्रीय सम्पदा की लूट, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण और नियोजकों के पक्ष में श्रम कानूनों को निलम्बित करना बन्द किया जाए।
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